मूवी रिव्यु

शुरूआत से लेकर अंत तक आपका मनोरंजन करती है फिल्म ‘द एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी….द फकीर’

फिल्म का नाम : द एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जर्नी ऑफ द फकीर
फिल्म के कलाकार : धनुष, अमृता संत, एरिन मोरियार्टी, बेरेंसी बेजो, एबल जाफरी
फिल्म के निर्देशक : केन स्टॉक
रेटिंग : 3.5/5

कनाडियन निर्देशक केन स्टाॅक की हाॅलीवुड फिल्म ‘द एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जर्नी ऑफ द फकीर’ 21 जून यानि आज ही भारत में रिलीज़ हुई है। फिल्म भले ही हाॅलीवुड की हो लेकिन इसके लीड कलाकार और कुछ अन्य सह-कलाकार भारतीय हैं।

फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी की शुरूआत होती है जहां झोपड़पट्टी इलाके के तीन गरीब लड़कों को स्कूल आने के लिए धनुष (अजातशत्रु लवाश पटेल) कहता है लेकिन तीनों पढ़ना नहीं चाहते बल्कि आपस में वो तीनों लड़ाई-झगड़ा और गाली-गलौज करते हैं तब अजातशत्रु उन लड़कों को अपने बचपन से लेकर बड़े होने तक के संघर्ष की कहानी बताता है। अजातशत्रु के जीवन में बचपन से जवानी तक कई दिलचस्प मोड़ आते हैं। वो अपनी मां के साथ अकेला ही रहता है, उसने अपनी मां सें कई बार पता करने की कोशिश की कि उसे उसके पिता के बारे में पता चल सके लेकिन उसकी मां उसे कुछ भी नहीं बताती। बचपन से अजात के दो ही सपने हैं एक तो वो अमीर बनना चाहता है और दूसरा अपनी मां को वो पेरिस ले जाना चाहता है। इस सपने को पूरा करने के लिए वो काफी जद्दोजहद भी करता है, पैसा इकट्ठा करने के लिए वो जादू के करतब दिखाना शुरू कर देता हैै। एक दिन अपनी मां को पेरिस ले जाने के लिए पैसा इकट्ठा भी कर लिया लेकिन तभी उसे पता चलता है कि उसकी इस दुनिया को छोड़ चली गई। मां की मौत के बाद अजात को एक खत मिलता है, उस खत को पढ़ने के बाद उसे पता चलता है कि उसके पिता स्पैनिश थे और उसी की तरह सड़कों पर जादू दिखाया करते थे। यही देखकर अजात पेरिस के सफर पर निकल पड़ता है। अजात का यह सफर काफी दिलचस्प होता है क्योंकि इसी सफर के दौरान वो दुनिया के कई दिलचस्प जगहों पर पहंुचता है और उसे सफर के दौरान उसका सामना कई अलग-अलग लोगों से भी होता है, यही नहीं उसे मरी (एरियन मोरियार्टी) के रूप में उसका प्यार भी मिलता है।

निर्देशक ने कहानी में कई दिलचस्प मोड़ डाले हैं जिसकी वजह से आप बोर होने के बजाए फिल्म देखने में काफी दिलचस्पी लेने लगते हैं। फिल्म का ताना-बाना बड़ी ही खूबसूरती से बना गया है। निर्देशक ने एक गरीब बच्चे की जिंदगी की जर्नी को दिलचस्प अंदाज़ में दिखाने के साथ-साथ रेफ्यूजी कैंप में रह रहे लोगों की समसयाओं की एक झलक भी पेश की है। फिल्म में एक-दो ही गाने हैं, फिल्म की सिनेमेऑग्राफी बेहतरीन है।

अपनी अदाकारी के ज़रिए धनुष ने काफी मनोरंजन किया है, अजात के किरदार में आपको उनकी अदाकारी काफी पसंद आएगी। अजात की मां के रूप में अमृता संत ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है। एरिन मोरियार्टी, बेरेंसी बेजो, एबल जाफरी ने अच्छा काम किया है। अजात के किरदार में बाल कलाकार हर्टी सिंह की मासूमियत आपके दिल को लुभायगी।

फिल्म क्यों देखें? :
फिल्म अच्छी है, एक बार देखी जा सकती है।

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