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हल्की-फुल्की काॅमेडी के साथ मनोरंजक फिल्म है ‘द ज़ोया फैक्टर’

फिल्म का नाम : द ज़ोया फैक्टर
फिल्म के कलाकार : सोनम कपूर, दुलकर सलमान, अंगद बेदी, संजय कपूर, अभिलाष चौधरी, सिकंदर खेर
फिल्म के निर्देशक : अभिषेक शर्मा
फिल्म के निर्माता : फाॅक्स स्टार, पूजा शेट्टी और आरती शेट्टी
रेटिंग : 3.5/5

निर्देशक अभिषेक शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द ज़ोया फैक्टर’ आज से सिनेमाघरों में लग चुकी है। फिल्म में क्रिकेट भी है, एस्ट्रोलॉजी भी है, प्यार-मोहब्बत भी है और इन सब चीज़ों के साथ हल्की-फुल्की कॉमेडी भी है। फिल्म की कहानी अनुजा चैहार द्वारा लिखी किताब (द ज़ोया फैक्टर) पर आधारित है। जब किसी फिल्म में सभी चीज़ों का मिक्सचर हो तब उस फिल्म का स्वाद अलग ही आता है।

फिल्म की कहानी :
25 अगस्त 1983 को जोया सोलंकी (सोनम कपूर) का जन्म होता है, उसी दिन भारत 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत जाता है। फिर क्या था उसी दिन से जोया क्रिकेटप्रेमी पापा संजय कपूर और भाई दिलावर (सिकंदर खेर) के लिए लकीचार्म बन जाती है। सभी लोग जोया को लकी मानने लग जाते हैं। जोया एक विज्ञापन कंपनी में जूनियर कॉपी राइटर का काम करती है। एक दिन जोया को कंपनी इंडियन क्रिकेट टीम का फोटोशूट करने भेजती है। वहां जोया और भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान निखिल खोड़ा (दुलकर सलमान) पहली नजर में एक-दूसरे के आकर्षण में बंध जाते हैं। अगले दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर भारतीय क्रिकेट टीम के साथ नाश्ता करते हुए जोया सभी को यह बताती है कि उसके घरवाले क्रिकेट के लिए उसे लकी चार्म मानते हैं, तो टीम के कई खिलाड़ियों को इस बात भरोसा सा हो जाता है। इत्तेफाक से उसी दिन टीम इंडिया मैच जीत जाती है, तो टीम का यह भरोसा जोया पर पक्का हो जाता है कि जोया क्रिकेट के मामले में वाकई लकी है। लेकिन टीम का कप्तान निखिल भग्या में नहीं बल्कि कर्म में भरोसा करता है। बस दोनों की यही अलग सोच जोया और निखिल के बीच दूरियां पैदा करता है। एक दिन इंडियन क्रिकेट बोर्ड जोया को भारतीय क्रिकेट टीम का लकी मस्कट बनने का प्रस्ताव देता है, ताकि वे वर्ल्ड कप में जीत दर्ज कर सकें। पहले तो जोया इस प्रस्ताव के लिए मना कर देती है, लेकिन जब टीम का खिलाड़ी रोबिन (अंगद बेदी) उसके और निखिल के बीच गलतफहमियां पैदा कर देता हैं, तो वह निखिल के सामने अपने लक फैक्टर को साबित करने के लिए उस एक करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर देती है। आगे क्या वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के लिए जोया लकी चार्म काम आता है या नहीं?……यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना पड़ेगा।

फिल्म की कहानी काफी सीधी-सादी सी है। फिल्म में हल्के-फुल्के कॉमेडी पंचेंज का इस्तेमाल किया गया। फिल्म का पहला भाग ठीक है अपने हिसाब से कहानी ठीक-ठाक चलती है लेकिन दूसरे भाग में कहानी रफ्तार पकड़ लेती है। क्रिकेट में काॅमनट्रेटरों की कमेंट्री हंसाती तो है, लेकिन यदि देखा जाए तो इस तरह की कमेंट्री क्रिकेट में होती ही नहीं है। क्रिकेट मैच के कई सीन मजेदार हैं। फिल्म में मनोरंजन के बहुत से पल हैं जिसकी वजह से आप बोर नहीं हो पाते।

बात करें कलाकारों की अदाकारी की तो भोलीभाली ज़ोया के रूप में सोनम काफी अच्छी लगती हैं। दुलकर सलमान की यह दूसरी फिल्म है लेकिन उनकी एक्टिंग और हाव-भाव आपको काफी पसंद आएंगे, इस फिल्म के बाद आप भी दुल्कर सलमान के फैन हो जाएंगे। फिल्म में अनिल कपूर का गेस्ट अपियरेंस है लेकिन थोड़े ही पल में वो आपको गुदगुदाते हैं। संजय कपूर, सिकंदर खेर, अंगद बेदी और मनु ऋषि ने भी अच्छी एक्टिंग की है।

फिल्म क्यों देखें? : फिल्म मनोरंजक है, हल्की-फुल्की काॅमेडी की वजह से आपको पसंद आएगी।

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