जहां से भी प्रेरणा मिले ले लो, फिर चाहे वो कोई भिखारी से ही क्यों न मिले : सुचित्रा कृष्णमूर्ति
नोएडा। फिल्में हमारी ज़िंदगी का वह हिस्सा है जिसे हम हर जगह महसूस करते है और इन्ही फिल्मो के कई गीतो पर हम नाचने लगते है तो कई गीत हमारी दिल की संवेदनाओ को छू जाते है तो कई जीवन दर्शन करा जाते है इसी तरह ज़िंदगी चलती रहती है, इन तीन दिनों में इतने संघर्षशील लोगों के साथ मुझको बैठने का अवसर मिला और कितना कुछ सीखा, मैंने पूरे वर्ष काम करने की एनर्जी अपने अंदर भर ली है यह कहना था मारवाह स्टूडियो के चांसलर संदीप मारवाह का, जिन्होंने 15वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा। इस अवसर पर फिल्म नगरी की कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद रही जिनमे नई दिल्ली में साइप्रस गणराज्य का उच्चायोग यियाननाकिस मैकराइड्स फ़िल्म निर्देशक व अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति, लेखिका भारती प्रधान, फिल्म अभिनेता सहर्ष कुमार शुक्ला, फिल्म समीक्षक कोमल नाहटा, एक्टर गिरीश थापर व वरुण गुप्ता।
इस अवसर पर छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए सहर्ष कुमार शुक्ला ने कहा कि जब आपको फ़िल्म की स्क्रिप्ट मिलती है तो उसको इतना पढ़ो की वो आपके खून में और सांसों में बस जाए, जहां से भी प्रेरणा मिले ले लो फिर चाहे वो कोई भिखारी ही क्यों न हो। अपने काम से अगर प्यार और मोहब्बत जिंदा है तो काम मिल ही जायेगा। सुचित्रा कृष्णमूर्ति को सिनेमा भूषण, सहर्ष शुक्ला को हिंदी गौरव अवार्ड से सम्मानित किया व गिरीश थापर को लाइफ टाइम की मेम्बरशिप प्रदान की गई।