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तेजस की कहानी देशभक्ति से प्रेरित है और सेना में महिलाओं की भूमिका को दर्शाता है

फिल्म का नाम : तेजस
फिल्म के कलाकार : कंगना रानौत, अंशुल चैहान, आशीष विद्यार्थी और अन्य
फिल्म के निर्देशक : सर्वेश मेवाड़ा
रेटिंग : 2.5/5

निर्देशक सर्वेश मेवाड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘तेजस’ सिनेमाघरों में लग चुकी है। फिल्म का प्लाॅट देशभक्ति के जज़्बे को बयां करता है। फिल्म कैसी बनी है आइए जानते हैं….

फिल्म की कहानी :

फिल्म की कहानी एयरफोर्स पायलट तेजस की है, जो अपने देश के हर क्षण मर मिटने को तैयार रहती है। वो हर वक्त एक मौके की तलाश में रहती है कि जब वो अपने देश के काम आए और उसके लिए किसी चीज की परवाह भी नहीं करती है। वो देश के लिए सबसे मुश्किल मिशन पर जाने के लिए भी तैयार रहती है। इस देश की मातृभूमि के लिए उसे यदि मौत भी आ जाए तो वो इसे हंसते हंसते गले लगा सकती है। एक दिन ऐसा आता है जब तेजस को अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का मौका मिल जाता है। तेजस के वरिष्ठ अधिकारी उसे इस मुश्किल मिशन पर भेजना नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी तरह से वो अपने सीनियर को मना ही लेती है और निकल पड़ती है अपने सबसे मुश्किल मिशन को अंजाम देने के लिए। क्या तेजस अपने इस सबसे मुश्किल मिशन में कामयाब हो पाएगी यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

कलाकारों की अदाकारी :

इसमें कोई शक नहीं है कि कंगना रनौत एक अच्छी अदाकारा हैं और इस बात उन्होंने कई बार साबित भी किया है। तेजस में भी कंगना की अच्छी कोशिश दिखाई देती है। अंशुल चैहान का काम आपको पसंद आएगा। आशीष विद्यार्थी लंबे समय से बड़े पर्दे पर दिखाई नहीं दे रहे थे लेकिन किसी आंख से ओझल नहीं हुए थे, अब लम्बे समय बाद वो दर्शकों के सामने नज़र आए हैं। स्क्रीन पर काफी अच्छे दिखाई देते हैं लेकिन उनके किरदार को और दमदार बनाया जा सकता था।

कैसी बनी है फिल्म :

फिल्म के निर्देशक सर्वेश मेवाड़ा ने देशभक्ति के जज्बे पर एक शानदार कोशिश की है। फिल्म के पहले भाग को देखकर काफी कन्फ्यूजन होता है, कभी कहानी प्रेजेन्ट में चल रही होती है और जब दर्शक उस सीन को समझने की कोशिश करता तो अगल ही पल कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है। इसलिए दर्शक अपने आपको कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाता है। कहानी का दूसरा भाग थोड़ा गढ़ा हुआ लगता है, जैसे ही कहानी को एन्जाॅय करने लगते हैं और कहानी इंटरस्टिंग लगने लगती है तभी ऐसा सीन आता है कि लगता है जैसे फिल्म को राजनीतिक दृष्टिकोण से बनाया हुआ लगता है। फिल्म की कहानी को सिर्फ यदि दर्शकों के मनोरंजन के लिए बनाया जाता तो ज़्यादा अच्छा होता।

फिल्म क्यों देखें ?:

फिल्म में सेना में महिलाओं की भूमिका को अधिक पारदर्शिता देने की कोशिश की गई है जो काबिले तारिफ है। कहानी देशभक्ति से प्रेरित है। यदि आप कंगना के फैन हैं तो फिल्म आपको पसंद आ सकती है।

-शबनम

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