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केन्द्र सरकार और राज्य सरकार डबिंग आर्टिस्ट को जल्दी कोई भी सम्मान नहीं देती है : सुप्रसिद्ध डबिंग आर्टिस्ट सुरेंद्र भाटिया

बीबीसी अर्थ के शो ‘ब्लू प्लानेट’, ‘फ्रोजेन प्लानेट’, ‘अफ्रीका’, ‘लाइफ स्टोरी’ इत्यादि में लंदन के ‘वाइस ऑफ गॉड’ कहे जाने वाले वर्ल्ड फेमस एक्टर डेविड अट्टेंब्रो की डबिंग करने के लिए पूरे भारतवर्ष में ऑडिशन करने के बाद इसकी जिम्मेदारी भारत के सुप्रसिद्ध डबिंग आर्टिस्ट सुरेंद्र भाटिया को बीबीसी ने दी। इसके बारे में सुरेंद्र भाटिया कहते है,ष्यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लन्दन के आवाज की दुनिया के भगवान कहे जाने वाले डेविड अट्टेंब्रो की आवाज की डबिंग के लिए बीबीसी ने मुझे चुना। मुझे ज्यादातर बड़े बड़े कलाकारों के डबिंग का काम मिलता है। देश हो या विदेश सभी लोग मेरा काम पसंद करते है और इस लायक समझते है। मुझे मेरे हिसाब से काम देते है और मेरे हिसाब से पेमेंट भी देते है।’
पहले डबिंग का बहुत कम स्कोप हुआ करता था, लेकिन अब सेटेलाईट चैनल और मल्टीप्लेक्स इत्यादि के दौर के कारण काफी धारावाहिक, फिल्मे, विज्ञापन फिल्म इत्यादि विभिन्न भाषाओं में डबिंग करके रिलीज किया जाता है। जिससे सरकार को काफी फायदा होता है। लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार डबिंग आर्टिस्ट को जल्दी कोई भी सम्मान नहीं देती है, ना ही उन्हें पदमभूषण, पदमश्री या नेशनल अवार्ड देती है,आखिर क्यों? अभी हाल में बीबीसी अर्थ के कार्यक्रम प्लानेट की डबिंग के दौरान सुप्रसिद्ध डबिंग आर्टिस्ट सुरेंद्र भाटिया से मुलाकात हुई, जोकि पिछले ३६ सालों से इंडस्ट्री में डबिंग कर रहे है। फिल्म जुरैसिक पार्क के लिए वर्ल्ड फेमस एक्टर रिचर्ड अट्टेंब्रो के लिए डबिंग किया था और अब उनके भाई डेविड अट्टेंब्रो के लिए बीबीसी अर्थ के कार्यक्रम प्लानेट की डबिंग कर रहे है।वैसे सुरेंद्र भाटिया दादा साहेब फाल्के अकेडमी अवार्ड से सम्मानित हो चुके है।
एसोसिएशन ऑफ वॉइस आर्टिस्ट्स के पूर्व अध्यक्ष और डबिंग आर्टिस्ट सुरेंद्र भाटिया इंडस्ट्री में ३६ साल पूरे होने पर कहते है। ‘इंडस्ट्री ने मुझे काफी कुछ ३६ सालों में दिया। इज्ज्त, सम्मान और पैसा सबकुछ मिला। लेकिन हमलोगों को सरकार नजर अंदाज कर रही है। आज काफी चैनल केवल डबिंग की हुई सीरियल और फिल्मों से चैनल चला रहे है और काफी फिल्में विभिन्न भाषाओं में डबिंग करके रिलीज होती है और सरकार को करोड़ों की कमाई होती है, लेकिन जल्दी किसी भी डबिंग आर्टिस्ट को सरकारी अवार्ड नहीं दिया जाता है। इसका मुझे अफसोस है। मुझे अब इसकी जरुरत नहीं है। लेकिन मैं चाहता हूँ कि आने वाले युवा पीढ़ी को सरकार नजर अंदाज ना करे और उनको पदमभूषण, पदमश्री या नेशनल अवार्ड इत्यादि सम्मान मिले।’
नए आने वाले डबिंग आर्टिस्ट के बारे सुरेंद्र भाटिया कहते है, ‘डबिंग आर्टिस्ट को पहले अच्छा एक्टर होना जरुरी है, बाद में अच्छी आवाज होना जरुरी है। जब तक फिल्म या धारावाहिक के कैरेक्टर का और उसके हावभाव को नहीं समझेंगे तब तक उसकी डबिंग आप अच्छी नहीं कर सकते है। और आवाज थोड़ी कम ठीक हो तो भी चल जाता है क्योंकि हर करेक्टर के लिए अलग अलग तरह की आवाज चाहिए होता है और उसमे कम ज्यादा चल जाता है। लेकिन करेक्टर का हावभाव, स्टाइल इत्यादि समझना सबसे ज्यादा जरुरी होता है।’

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