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अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आंकलन कर त्वरित सहायता पहुंचाये : जिला प्रभारी मंत्री

कोटा। कृषि पशुपालन मंत्री एवं जिला प्रभारी लालचंद कटारिया ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था करने के साथ अधिकारी सम्पूर्ण नुकसान का आंकलन कर शीघ्र प्रस्ताव भिजवाएं, ताकि समय पर राहत प्रदान की जा सकें।
जिला प्रभारी मंत्री गुरूवार को टैगोर सभागार में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जिन क्षेत्रों में जल भराव से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है, उनमें अधिकारी मौके पर जाकर बचाव एवं राहत कार्य की निरंतर मॉनिटरिंग करें। प्रशासन, पुलिस एवं एसडीआरएफ का बचाव दल लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ उन्हें भोजन, आवास आदि की भी व्यवस्था समय पर करे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी निकासी की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने के कारण जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई है, उनमें वैकल्पिक व्यवस्था कर शीघ्र पानी निकासी करायें। शहरी क्षेत्रों में आवासीय कॉलोनियों एवं प्रमुख मार्गों पर जल भराव नहीं हो इसके लिए नालों की सफाई करवाकर नियमित रूप से लोगों को सावचेत भी करते रहे।
जिला प्रभारी मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में अतिवृष्टि से हुए फसल खराबे की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक गांव में कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी किसानों से सीधा संवाद कर पारदर्शिता से नुकसान का आंकलन करायें।
सांगोद विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर ने कहा कि नुकसान का सटीक आंकलन के लिए हर पंचायत में रैनगेज की व्यवस्था की जाये। सड़क मार्गों पर बनी रपट व पुलों में पानी आने पर वैकल्पिक मार्ग भी तैयार कराया जायें। उन्होंने किसानों के खेतों में लगे विद्युत ट्रांसफॉर्मरों में वर्षा से नुकसान होने पर शीघ्र बदलवाने की व्यवस्था करने तथा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता का सुझाव दिया। पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ,महापौर कोटा उत्तर मंजू मेहरा, कोटा दक्षिण राजीव अग्रवाल, ने भी सुझाव दिए।
संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा ने बताया कि भारतमाला परियोजना के निर्माण कार्य से प्रभावित क्षेत्रों में सीएडी की नहरों व वितरिकाओं को मूल स्वरूप में लाने के लिए कार्ययोजना बना ली गई है। लगभग 100 स्ट्रैक्चर प्रभावित हो रहे है जिन्हें सितंबर तक सही कर लिया जायेगा।
जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य के लिए प्रशासन द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि समय पर बचाव दल को सक्रिय करने से नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि नुकसान का आंकलन के लिए विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। सड़क, पुल, निजी आवास, पशु एवं जनहानि के नुकसान का आंकलन कर नियमानुसार शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर भिजवाएं जायेंगे।
बैठक में पुलिस अधीक्षक शहर डॉ. विकास पाठक, ग्रामीण शरद चैधरी, अतिरिक्त कलक्टर शहर महेन्द्र लोढ़ा, नगर निगम उत्तर आयुक्त वासुदेव मालावत, दक्षिण आयुक्त कीर्ति राठौड़, सीलिंग एसएन आमेठा, सचिव यूआईटी राजेश जोशी एवं यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी सहित सभी विभागों के अधिकारीगण तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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