हलचल

नीफा की 14वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी में अनूठी कलाकृतियों ने लुभाया दर्शकों का मन

नई दिल्ली। चित्रकारी महज कुछ रंगों और लकीरों को कैनवस पर उतारने भर का नाम नहीं है। वास्तव में यह आत्मा की झलक है। कलाकृति के माध्यम से कलाकार ऐसे भावों को साकार कर देता है, जिन्हें अक्सर शब्दों में बयां कर पाना असंभव जान पड़ता है। कई बार कुछ कलाकृतियां बरबस ही दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही खूबसूरत और दिल जीत लेने वाली 120 से ज्यादा कलाकृतियों को देखने का अद्भुत मौका मिल रहा है राजधानी दिल्लीवासियों को। यहां 13 से 19 सितंबर तक ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसायटी, रफी मार्ग में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स (निफा) द्वारा 14वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी ‘अर्ज’ का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर निफा की डायरेक्टर और कलाकार रेणु खेड़ा हैं।
छात्रों को व्यापक मंच देने के उद्देश्य से निफा पिछले 13 साल से इस वार्षिक कला प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। यह इस आयोजन का 14वां वर्ष है। इस प्रदर्शनी का नाम ‘अर्ज’ रखा गया है। ‘अर्ज’ एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका अर्थ है आकांक्षा या चाह। भावनाओं को व्यक्त करने की चाह ही कलाकार को प्रेरित करती है और एक खूबसूरत रचना का जन्म होता है।
इस साल प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर मशहूर डिजाइनर व स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के आर्किटेक्ट पद्मभूषण राम वनजी सुतार, प्रसिद्ध मूर्तिकार व पेंटर पद्मश्री बिमान बी. दास और प्रसिद्ध समकालीन कलाकार नीलाद्री पॉल भी उपस्थित रहे। इस वार्षिक कला प्रदर्शनी में इस साल यहां डिप्लोमा कर रहे 55 छात्रों की 120 से ज्यादा कलाकृतियों को जगह दी गई है। कलाकृतियां छात्रों के विचारों, भावनाओं और जीवन से प्रेरित हैं। वे अपने विचारों को कैनवस पर रखकर सबसे सामने परोसते हैं। इस बार जिन कलाकृतियों को जगह दी गई है, उनमें हमारी प्राचीन व आध्यात्मिक गाथाओं से लेकर संस्कृति, जीवन और प्रकृति जैसे कई विषय समाहित हैं।
प्रदर्शनी की क्यूरेटर और निफा की डायरेक्टर रेणु खेड़ा ने कहा कि यह प्रदर्शनी कई नई प्रतिभाओं को पहचान देगी। यहां से मिली प्रेरणा और लोगों का प्रोत्साहन उन्हें और श्रेष्ठ करने के लिए प्रेरित करेगा। राम वनजी सुतार ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अनूठा अवसर प्रदान करती हैं। यहां जिस तरह की कलाकृतियां है, उन्हें देखकर सहज ही इन छात्रों की प्रतिभा का आभास किया जा सकता है। निसंदेह आने वाले दिनों में ये कलाकार दुनिया में अपना रोशन करेंगे।
बिमान बी. दास और नीलाद्री पॉल ने भी कलाकृतियों की भरपूर प्रशंसा की। प्रदर्शनी में निफा के सभी छह केंद्रों के करीब 55 छात्रों की कलाकृतियां को जगह दी गई है। इसका विशेष आकर्षण यह भी है कि प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे कलाकारों में आठ साल से लेकर 70 साल की उम्र तक के प्रतिभावान शामिल हैं। रेणु खेड़ा ने कहा कि प्रदर्शनी में विचारों के कई आयाम देखने को मिलेंगे।
निफा 2005 में रेणु खेड़ा द्वारा स्थापित संयम एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी की एक इकाई है। इस सोसायटी का लक्ष्य हर उम्र के लोगों को कला की शिक्षा देना है। इसमें उन लोगों को मौका दिया जाता है जो डिग्री कॉलेज जाने में सक्षम नहीं है, लेकिन उनके अंदर कला का जुनून है। दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में कुल सात केंद्रों में 800 से ज्यादा छात्र निफा में अध्ययन कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *