हलचल

अनाथ बालक-बालिका व विधवाओं को मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना में मिलेगा लाभ

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कोरोना वैश्विक महामारी से पीड़ित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसके संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला कलेक्टर हरि मोहन मीना ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का उद्देश्य कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक संबल प्रदान करना है।
विधवा महिलाओं के लिए जिला कलेक्टर ने बताया कि कोविड-19 से पति की मृत्यु होने से विधवा हुई महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है जिसके अन्तर्गत 1 लाख रुपए एक मुश्त राशि, 1500 रुपए प्रति माह विधवा पेंशन, विधवा महिलाओं के बच्चों को 1000 रुपए प्रति बच्चा, प्रति माह और विद्यालय की पोशाक व पाठ्य पुस्तकों के लिए सालाना 2000 रुपए की सहायता दी जाएगी।

  • 10 विधवा महिलाओं को सहायता

मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता योजना के तहत बुधवार को जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट हरि मोहन मीना के निर्देशानुसार कोरोना बीमारी से 1 मार्च 2020 के पश्चात् पति की मृत्यु हो जाने के कारण 10 विधवा महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह पेंशन राशि एवं 1 लाख रुपए एक मुश्त राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह राशि विधवा महिलाओं के बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। जिला कलक्टर ने बताया कि कोविड-19 से पति की मृत्यु होने पर टीना कंवर, साजिदा बेगम, कमर जहां, पुष्पा बाई, जनक कंवर, हिमांशु तिवारी, अपर्णा वर्मा, मंजू बाई, रामभरोसी व दुर्गा भील को मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।

  • अनाथ बच्चों के लिए

जिला कलेक्टर ने बताया कि कोरोना महामारी से माता-पिता दोनों की या एकल जीवित की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना में केन्द्र सरकार की योजना के अलावा अनाथ बालक-बालिकाओं को तत्काल 1 लाख रुपए, 18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 2500 रुपए, 18 वर्ष पूरे होने पर 5 लाख रुपए की एक मुश्त आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता योजना जिला कलेक्टर ने बताया कि विधवा महिला के बालक व बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1 हजार रुपए प्रति माह प्रति बालक व बालिका दिया जाएगा तथा 18 वर्ष वर्ष की आयु पूर्ण करने तक विद्यालय पोशाक, पाठ्य पुस्तकें आदि हेतु 2000 रुपए प्रति बालक व बालिका को एक मुश्त वार्षिक अनुदान दिया जाएगा।

  • शैक्षणिक एवं अन्य सहायता

जिला कलेक्टर ने बताया कि कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा राजकीय आवासीय विद्यालय, छात्रावास विद्यालय के माध्यम से दी जाएगी। कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओं के लिए अम्बेडकर डीबीटी वाउचर का लाभ दिया जाएगा जिनकी पात्रता के लिए कोई अन्य शर्ते जाति, आय आदि लागू नहीं होगी। युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में प्राथमिकता से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

  • योजना की पात्रता

जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रमाणन के आधार कोरोना बीमारी से मृत्यु होने पर अनाथ बालक-बालिका तथा विधवा महिला व उनके बच्चे अनुदान, आर्थिक व अन्य सहायता के लिए पात्र होंगे। अनाथ बालक व बालिका, विधवा महिला व उसके बच्चे योजनान्तर्गत वर्णित अनुदान, आर्थिक सहायता के अतिरिक्त भारत सरकार एवं राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के तहत लाभ के पात्र हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि अनाथ बालक-बालिका व विधवा महिलाओं के बच्चे पालनहार योजना के तहत आर्थिक सहायता के पात्र नहीं होेगे। पालनहार योजना में वस्त्र, पाठ्य पुस्तकें आदि के लिए दी जाने वाली 2 हजार रुपए प्रति वर्ष एक मुश्त दी जाएगी। कोरोना के कारण विधवा महिला कोरोना विधवा पेंशन के अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पात्र नहीं होंगी।
अनाथ बालक-बालिका तथा विधवा महिलाएं राजस्थान राज्य के मूल निवासी हों अथवा कम से कम तीन वर्ष से राज्य में निवासरत हों, अनाथ बालक-बालिका तथा विधवा महिला के परिवार द्वारा कोरोना योद्धा योजना का लाभ प्राप्त करने की स्थिति में पात्र नहीं होंगे। अनाथ बालक-बालिका व विधवा महिला बच्चों के मृतक माता-पिता व विधवा के पति राजकीय सेवा या राजकीय उपक्रम के स्थाई कार्मिक होने की स्थिति में वे राज्य योजना के लाभ के पात्र नहीं होंगे। अनाथ बालक-बालिका व विधवा महिलाओं के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र व विद्यालय में जाना आवश्यक होगा। विधवा महिला की स्वयं की राजकीय सेवा में नियुक्ति होने पर एवं विधवा महिला द्वारा पुर्नविवाह किए जाने पर विधवा महिला की कोरोना पेंशन निरस्त की जाएगी। कोरोना के कारण हुई विधवा महिला के लिए अधिकतम आय तथा आयु की सीमा निर्धारित नहीं है।

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