हलचल

केन्द्रीय कारागृह कोटा के सजाबंदियों ने जाने पैरोल के नियम

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
केन्द्रीय कारागृह कोटा में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत मनाये जा रहे जन उत्सव सप्ताह के अन्तर्गत गुरूवार को नियमित एवं स्थाई पैरोल दिवस का आयोजन कर सजाबंदियों ने नियमित एवं स्थाई पैरोल के नियमों की जानकारी प्रदान की गई। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि 29 अक्टूबर को जिन बंदियों का नियमित वार्षिक पैरोल पर जाने का नियमान्तर्गत निर्धारित समय पूर्ण हो रहा है, उनके पैरोल आवेदन-पत्र भरवाकर आवश्यक कार्यवाही की गई एवं बंदियों के स्थाई पैरोल प्रकरण भी तैयार किए गए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में केन्द्रीय कारागृह कोटा में लगभग 350 कठोर सजा प्राप्त बंदी निरूद्ध हैं जिन्हें समय-समय पर कारागृह के नियमों की जानकारी प्रदान की जाती है। नियमित एवं स्थाई पैरोल के लिये कारागृह प्रशासन द्वारा प्रोत्साहित किये जाने के फलस्वरूप ही केन्द्रीय कारागृह कोटा के अधिकतर सजाबंदी नियमानुसार एक से अधिक बार नियमित पैरोल का उपयोग कर चुके हैं एवं स्थाई पैरोल के प्रकरण भी राजस्थान कारागार महानिदेशालय को लगातार प्रेषित किये जा रहे हैं।

  • महिला बंदी सुधारगृह में विविध कार्यक्रम

जन उत्सव सप्ताह में शुक्रवार को न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति में महिला बंदी सुधारगृह में कार्यक्रम आयोजित किए गए। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लतिका पाराशर, न्यायिक मजिस्ट्रेट 4-दक्षिण स्तुति राठी, न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट-2 पारूल परीक्षण, न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट-4 पृथा फौजदार सहित न्यायिक मजिस्ट्रेट 2-उत्तर प्रियंका मीणा के आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि महिला बंदियों के लिये जन उत्सव सप्ताह सुधारगृह में उपकारापाल हिना खान के मार्गदर्शन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कोरोना गाईडलाइन को मध्यनजर रखते हुए किया गया। महिला बंदियों ने स्वतंत्रता सेनानी नाटक की प्रस्तुति देकर कारागृह में निरूद्ध बंदियों की मनोव्यथा व्यक्त की। महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व को प्रदर्शित करती हुई कविता, स्वागत गीत, एकल नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में देशभक्ति गीत ’देश रंगीला’ पर महिला बंदी साथियों ने सामूहिक नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।
मुख्य अतिथि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लतिका पाराशर ने कहा कि कैदियों से नहीं अपितु अपराध से घृणा करनी चाहिए सुधारगृह में रह रही महिलाएं अपनी अपराधिक मानसिकता को त्याग कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का प्रयास करें। महिला बंदी कांति ने रंगोली प्रतियोगिता में, यशोदा ने डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही महिला बंदी मीनाक्षी, सीमा व विनिता ने भी पुरूस्कार प्राप्त किए। गुरूवार को पैरोल नियमों को जानकारी दी गई एवं प्रकरण पैरोल हेतु तैयार कराए गए।

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