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सिद्धि पॉवर्ड बाइ ह्यूमेनिटी ने सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ शुरू किया अपना सबसे बड़ा पर्यावरण अभियान : ग्रीन सिद्दि

दिल्ली। सिद्धि पॉवर्ड बाइ ह्यूमेनिटी एक गैर लाभकारी आध्यात्मिक संगठन है, जो व्यक्तियों को समग्र और संपूर्ण जीवन जीने में मदद करने के लिए स्थापित किया गया है। सिद्धि के पीछे की विचारधारा निस्वार्थ सेवा के विश्वास से बीजित होती है, एक अवधारणा जिसका वर्तमान समय में अर्थ बड़ा सीमित हो गया है। सिद्धि का उद्देश्य निस्वार्थ रूप से सेवा करना और अपने स्वयंसेवकों और सदस्यों को निःस्वार्थ भावसे समाज, पर्यावरण और ग्रह की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सिद्धि की पहलें संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ी हैं।
सिद्धि की संस्थापक डॉ. मीना महाजन पर्यावरण के संरक्षण और उसकी बहाली के बारे के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। वह कहती हैं, ‘दिल्ली में एक जंगल बनाना मेरा सपना है, जिसे हम जल्द ही पूरा करेंगे।’ प्रत्येक वर्ष यह संगठन ग्रीन इनीशिएटिव को तीन महीने समर्पित करता है, जिसे ग्रीन सिद्दि के नाम से जाना जाता है। ग्रीन सिद्धि पर्यावरण को बहाल करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। सिद्धि के स्वयंसेवक जागरूकता फैलाने के लिए देश भर में बहुत सारा समय बिताते हैं और जरूरी बदलाव लाने के लिए जमीनी स्तर पर बहुत सारे काम करते हैं। इस साल की पहल सीआरपीएफ मुख्यालय, दिल्ली में कुछ सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ मिलकर शुरू हुई।
आईजी विक्रम सहगल को सिद्धि द्वारा किए गए काम के बारे में जानकर बेहद खुशी हुई और उन्होंने कहा, ‘पर्यावरण रक्षा के लिए अधिक संवेदनशीलता की जरूरत है और सिद्धि जैसे अनेक संगठनों को उत्थान के क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से काम करने आना चाहिए।’ सिद्धि के छोटे स्वयं सेवकों ने अधिकारियों को बेकार पड़ी चीजों से दैनिक उपयोग की सामग्री बनाकर दी और इस तरह से यह संदेश फैलाया कि सब रिसाइकल किया जा सकता है। डॉ. मीना ने कहा, ‘पर्यावरण केवल बाहरी चीज नहीं है। हमें पहले अपने आंतरिक पर्यावरण का ध्यान रखना होगा, तभी हम बाहरी पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध हो सकते है पिछले साल सिद्धि ने 5 घंटे में 10,000 पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। सिद्धि की सूची में सिर्फ वृक्षारोपण ही नहीं है, बल्कि यह संस्था पौधों की देखभाल भी करती है। सिद्धि को सभी क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

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