दिल की बीमारी आज भी दुनिया के अधिकांश देशों में मृत्यु का सबसे आम कारण बनी हुई है : डाॅ. बिमल छाजेड़
नई दिल्ली। विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर साओल हार्ट सेंटर के संस्थापक, डॉ. बिमल छाजेड़ ने हृदय रोगों में कमी लाने के लिए जीवनशैली से संबंधित बदलावों, डाइट, एक्सरसाइज और योगा पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में रोगियों को समग्र हृदय देखभाल के तरीकों के बारे में बताया गया। साथ ही जो लोग हृदय रोग की चपेट में आ सकते हैं, उन्हें इसके बचाव के तरीकों के बारे में बताया गया। भारत में लगभग 8 से 10 करोड़ लोग हृदय से संबंधित किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं दिल की बीमारी आज भी दुनिया के अधिकांश देशों में मृत्यु का सबसे आम कारण बनी हुई है। इस ट्रेनिंग सेशन का आयोजन ‘एन एजुकेशन वैक्सीन’ के नाम के बैनर के तहत सबसे आम लेकिन घातक बीमारी यानी कि हार्ट अटैक की रोकथाम के लिए संभावित तरीकों के बारे में लोगों को जागरुक व शिक्षित करने के लिए किया गया था। आहार विशेषज्ञों और योग विशेषज्ञों ने रोगियों को भोजन, एक्सरसाइज और योगा द्वारा हृदय रोगों के प्रबंधन के बारे में शिक्षित किया।
नई दिल्ली स्थित साओल हार्ट सेंटर के निदेशक, डॉ. बिमल छाजेड़ ने बताया कि, “हालिया सबसे अधिक चर्चित ‘स्कीमिया ट्रायल’ के अनुसार दिल के मरीज एंजियोप्लास्टी या बाइपास सर्जरी की तुलना में सही लाइफस्टाइल और दवाइयों की मदद से भी ठीक किए जा सकते हैं। यदि हम इन इनवेसिव प्रक्रियाओं के खर्च और मुश्किलों की बात करें तो दिल के मरीजों के लिए सही लाइफस्टाइल और दवाइयां एक बेहतर विकल्प है। हृदय संबंधी बीमारियाँ, जीवनशैली से संबंधित बीमारियां हैं और इसलिए उपचार को भी उसी दिशा में केंद्रित किया जाना चाहिए।” हृदय रोग, जीवनशैली से संबंधित बीमारियां हैं और इसलिए उपचार को भी उसी दिशा में केंद्रित किया जाना चाहिए। मैंने पिछले 24 सालों में जीवनशैली में बदलाव, यूएस एफडीए अनुमोदित ईईसीपी और आयुर्वेद, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी व डीटॉक्सीफिकेशन जैसे नॉन-इनवेसिव उपचारों से लगभग 2 लाख हृदय रोगियों का इलाज किया है। साओल सेफ्टी सर्कल के विकास के साथ, जो हृदय स्वास्थ्य का सबसे अच्छा इंडीकेटर है, हृदय के संभावित रोगों के रोकथाम में मदद मिली है। इसके तीन सर्कल हैं और नियंत्रण के लिए 12 कारक, मेडिकल से संबंधित 6 पैरामीटर और 4-4 पैरामीटर हेल्दी डाइट और जीवनशैली में बदलावों से संबंधित हैं।”