गुड़गांव में बढ़ता तापमान बढ़ा रहा है डीहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक का खतरा
गुड़गांव। गर्मी के दिनों में लगातार देश में के तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। इस साल गुड़गांव में पारा 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। लगातार चल रही गर्म हवाओँ ने डीहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा दिया है। मौसम के ग्राफ में जहाँ तापमान में बढ़ोत्तरी के साक्ष्य दिख रहे हैं वहीं शरीर ने भी अपने एडजस्टमेंट मकेनिजम पर काम शुरू कर दिया है। जब शरीर का सामान्य तापमान 98.4 डिग्री फारेनहाइट (37 डिग्री सेल्शियस) में धुप की तपिश के चलते तेजी से बढ़ोत्तरी होती है, तब शरीर का प्राकृतिक कूलिंग मकेनिजम प्रभावित होता है। गर्मी बढ़ने पर शरीर पसीना प्रतिक्रिया स्वरूप पसीना उत्पादित करती है लेकिन जब शरीर के भीतर पानी का रिजर्व कम हो जाता है, तब शरीर गर्मी के प्रति प्रतिक्रिया नहीं दे पाती है और आगे चलकर हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कोलम्बिया एशिया हॉस्पिटल के डॉ अमिताभ घोष, इंटरनल मेडिसिन, कहते हैं, “हीट स्ट्रोक का सम्बंध में लम्बे समय तक धूप में रहने और इसके चलते डीहाइड्रेशन होने से है। सामान्य परिस्थितियों में, शरीर में पसीना, आंसू, सांस लेने, मल-मूत्र त्यागने आदि के दौरान पानी की कमी होती है। एक स्वास्थ्य व्यक्ति के भीतर, पानी के इस नुकसान की भरपाई तरल पदार्थों और पानी वाली चीजें खाने से हो जाती है। बुखार, डायरिया अथवा उल्टी आदि होने के दौरान शरीर में बड़ी मात्रा में पानी का नुकसान होता है, और प्राकृतिक जल स्तर कम होने से डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। यदि व्यक्ति बहुत अधिक समय तक धूप के सम्पर्क में रहता है और वह भरपूर पानी नहीं पीता है तब भी शरीर में पानी की कमी हो जाती है। डीहाइड्रेशन का शिकार हुए शरीर में कई तरह के महत्वपूर्ण सॉल्ट जैसे कि सोडियम व पोटैशियम की कमी हो जाती है जो आगे चलकर हीट स्ट्रोक का कारण बनता है।”
हीट स्ट्रोक की चपेट में आए व्यक्ति का तुरंत इलाज होना चाहिए क्योंकि यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को अगले कुछ घंटों के लिए एयर-कंडीशंड कमरे में रखने से रिकवरी सुनिश्चित की जा सकती है। मानव ही नहीं पशु, पक्षी भी गर्मी से समान रूप से प्रभावित होते हैं। बचाव के तरीकोँ को अपनाकर गर्मी की समस्याओँ से बचा जा सकता है। हीट ट्रोक के लक्षणोँ को झेलने से बचाव के उपाय हमेशा बेहतर विकल्प साबित होते हैं।“
कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप गर्मी की दिक्कतों से बच सकते हैं :-
- हाइड्रेशन को बरकरार रखना :- बाहर जाते समय अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें। तरल पदार्थ ज्यादा लें। एयरेटेड ड्रिंकलेने से बचें, इसकी जगह प्राकृतिक फलों के जूसऔर नीम्बू पानी का इस्तेमाल करेँ। यह सुनिश्चित करें कि जूस को साफ पानी से तैयार किया गया है।
- ढीले-ढाले कपडे पहनें : लूज फिटिंग वाले कॉटन के कपडे शरीर को जल्दी ठंडा करने का काम करते हैं।
- तेज धूप के समय बाहर काम करने से बचें : बाहर जाने के लिए सुबह अथवा शाम का वक्त चुनेँ। दोपहर के बाद वाली धूप के सम्पर्क में आने से बचें, क्योंकि इस दौरान गर्मी सबसे अधिक होती है। सुरक्षात्मक हेडगियर पहनें अथवा छतरी का इस्तेमाल करें।
- पार्क की हुई गाडी में बच्चोँ को कभी न छोड़ें : खुले में पार्क की हुई गाडी बहुत जल्द गर्म हो जाती है और यह गर्मी मौत का कारण भी बन सकती है। पशुओं को भी हीट स्ट्रोक का खतरा होता है, इसलिए दिन के समय शॉपिंग करने जाते समय अपने पालतू जानवरों को भी कार में न छोड़ें।
संतुलित मात्रा में पानी पीकर और तेज गर्मी के समय बाहर जाने से बचकर हम हीट स्ट्रोक से बच सकते हैं, जावनवरों के लिए घर के बाहर या सड़क किनारे भरपूर पानी का इंतजाम करना मानवता के प्रति एक बडा योगदान साबित हो सकता है।