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कृषि सुधार विधेयक बिचौलियों के चक्रव्यूह को तोड़ने और किसानों की मेहनत का भरपूर कीमत देने की गारंटी है : मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज ग्राम हुरहुरी, मीरगंज, बरेली और ग्राम धनैली उत्तरी, मिलक, रामपुर, उत्तर प्रदेश, में ‘किसान चौपाल’ के दौरान किसानों को सम्बोधित किया। श्री नकवी ने कहा कि ‘बिचैलियों के चक्रव्यूह’ को चकनाचूर करने और ‘किसानों की मेहनत’ की भरपूर कीमत देने की गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक।
श्री नकवी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक के पारित हो जाने से अब किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी मिलेगी और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्ति मिलेगी। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की भरपूर कीमत मिल सकेगी।
किसानों की पहुँच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद-बीज तक होगी। किसानों को 3 दिन में भुगतान की गारंटी मिलेगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे। देश भर में किसानों को उपज बेचने के लिए ‘वन नेशन वन मार्किट’ की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के गांव, गरीब, किसान के हितों को समर्पित हैं, और श्री मोदी की सरकार में किसानों के किसी भी हक को कमजोर नहीं होने दिया जायेगा। मोदी सरकार में केवल ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के तहत ही अब तक किसानों को 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कह चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, कई फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी गई है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रूपए बढ़ाकर 1975 रूपएय जौ का 75 रू. बढ़ाकर 1600 रू. चने का 225 रू बढ़ाकर 5100 रू. मसूर का 300 रू. बढ़ाकर 5100 रूय सरसों का 225 रू बढ़ाकर 4650 रू. कुसुम का 112 रू. बढ़ाकर 5327 रू. प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के सशक्तिकरण को प्रतिबद्ध है। 2009-10 में यूपीए के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ था जिसे बढ़ाकर मोदी सरकार ने एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये किया। 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। पीएम फसल बीमा का लाभ 8 करोड़ किसानों को दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा 10,000 नये फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की घोषणा की गई। किसानों के लोन के लिए पहले के 8 लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। “प्रधानमंत्री किसान मान-धन” के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया है। एमएसपी के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने 6 साल में 7 लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है।
श्री नकवी ने कहा कि सच यह है कि किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा। यदि किसान अनुबंध से संतुष्ट नहीं होंगे तो किसी भी समय अनुबंध खत्म कर सकते हैं। किसानों के हितों की सौ प्रतिशत गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक।

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