दूर हुई प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की बाधाएं, पुराने एयर पोर्ट पर बनेगा मिनी सचिवालय : धारीवाल
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की बाधाओं का राज्य सरकार द्वारा दूर किया गया हैं वन भूमि के कनवर्जन का कार्य केन्द्र स्तर से पूरा होने पर पुराने एयरपोर्ट की 152 हैक्टेयर भमि में से 9 हैक्टेयर जमीन पर मिनी सचिवालय बनाया जाएगा एवं शेष जमीन में पौधरोपण किया जाएगा। यह बात आज नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में 3हज़ार करोड़ से किए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोटा में संभाग एवं जिला स्तर के कार्यालय एक परिसर में बनेंगे तो निश्चित ही आम नागरिकों के एक स्थान पर आवश्यक कार्य पूरे हो सकेंगे। मिनी सचिवालय बनने से पुराने एयरपोर्ट की जमीन का उपयोग जनहित में हो सकेगा।
धारीवाल ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से जो भी सहयोग लिया जायेगा उनको समय पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने नगर विकास न्यास के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐयरपोर्ट के कार्य में समयबद्धता से कार्य किया जावे।
- ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जमीन का निरीक्षण
नगरीय विकास मंत्री के निर्देश के बाद जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने शनिवार को प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की भूमि का प्रशासनिक एवं नगर विकास न्यास के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर अब तक की प्रगति की जानकारी ली तथा न्यास के खाते की भूमि को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 7 दिवस में हस्तारिंत करने के निर्देश दिये।
जिला कलेक्टर ने कहा कि एयरपोर्ट के कार्य को समन्वित प्रयास के साथ गति प्रदान की जायेगी, सभी विभाग टीम भावना से कार्य करते हुए आवश्यक कार्य को समयबद्धता से पूरा करें। उन्होंने कहा कि 500 हैक्टेयर में से नगर विकास न्यास की भूमि को समय पर हस्तारण कर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क में रहें। उन्होंने नगर विकास नयास के पेराफेरी क्षेत्र में बूंदी जिले के राजस्व ग्रामों की भूमि एवं वन विभाग की खाते की भमि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राथमिक रूप से जो भी कार्य स्थानीय स्तर से पूरे किये जाने है वे समन्यवय से पूरे किये जावें।
- बायोलोजिकल पार्क का निरीक्षण
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ अभेडा बायोलॉजिकल पार्क का निरीक्षण किया तथा पार्क के मुख्य द्वार पा कोटा में पाये जाने वाले जीव जन्तुओं के मॉडल एवं उनके बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पार्क में आने वाले नागरिकों को यहां मिलने वाले पक्षियों, जन्तुओं एवं जैव विविधता की जानेकारी मिल सके, इसके लिए एक लघु फिल्म का भी निर्माण कराया जावे तथा मॉडल भी प्रदर्शित किये जावें।
- अभेडा महल का हो रंग रोगन
जिला कलक्टर ने अभेडा महल का भी निरीक्षण किया, उसे कोटा में आने वाले पर्यटकों के लिए एतिहासिक एवं प्राकृतिक छटा बताते हुए महल के रंग रोगन एवं सौन्दर्यकरण कार्य का पूरा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके पार्कों का रखरखाव कर तालाब में कमल के फूल नियमित खिले इसके लिए भी प्रयास किये जावें।