ग्लोबल लिटरेरी का दूसरा दिन हिंदी कविताओं और उसके दर्शन शास्त्र पर रहा
ग्लोबल लिटरेरी का दूसरा दिन हिंदी कविताओं और उसके दर्शन शास्त्र पर रहा, जिसमें जाने माने कवि, लेखक व व्यंगकार अशोक चक्रधर ने शिरकत की। आये हुए अतिथियों व छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि कवि अपने काव्य के द्वारा आज के समाज को बदलने में बहुत बड़़ा योगदान देता है और जिसको समझना हो वो उसके लिए सिर्फ किताबे पढ़ना ही जरुरी नही बल्कि फिल्मी गानो में भी जो दर्शनशास्त्र होता है उससे भी समझ सकता है, आज के विषय की अगर बात करूं तो जीवन की करुणा अगर टेक्स्ट बुक में नहीं है तो बुक बेकार है और प्रेम, इंसानियत, त्याग और मोहब्बत किसी टेक्स्ट बुक को लिखने का आधार है व जो अपनी सोच को वृहद रूप दे देता है वो साहित्यिक जगत में अपना नाम दर्ज करा देता है। मैं कंप्यूटर प्रणाली का भी बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ जिसने हिन्दी को इतना आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है मेरा मानना है की अगर संसार में चार भाषाएँ बची तो उसमे हिंदी भाषा भी सम्मिलित होगी। इस अवसर पर देश विदेश के कई मेहमान भी सम्मिलित हुए जिसमे भारत के इंडोनेशिया में राजदूत रह चुके गुरजीत सिंह, हंगरी दूतावास के जोल्टन विलियम, लेखक रतन कॉल, इजराइल की हेन्ना एन्जी, बीजेपी के दो युवा नेता संदीप शुक्ला और सुनील यादव शामिल हुए।
इस अवसर पर मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने कहा की मैं अपने छात्रो से हमेशा यही कहता हूँ की जो भी गुणीजन यहाँ आते है उनसे कुछ न कुछ सीखे और अपने देश और भाषा का हमेशा सम्मान करेंए अच्छा साहित्य पढ़े और अच्छा ही लिखने की कोशिश करे। हंगरी एम्बेसी के जोल्टन विल्लियम ने कहा की इंडिया को में बहुत पसंद करता हूँ। यहाँ की संस्कृति यहाँ के संस्कार और यहाँ के लोग मुझे हमेशा प्रेरित करते है और मैंने भारतीय कवियों और लेखकों जैसे कबीर, रबीन्द्रनाथ टैगोरए प्रेम चंद की नोबेल पढ़ी है। गुरजीत सिंह ने कहा की हमारी फर्स्ट टेक्स्ट बुक में लिखी कविता, कहानियां और प्रार्थना हमें हमेशा याद रहती है उन्हें हम कभी नहीं भूलते। इस अवसर पर लेखक रतन कॉल की बुक ‘द फुल सर्कल’ का विमोचन और डॉ राम मनोहर लोहिया फोरम का पोस्टर रिलीज किया गया। इसके साथ-साथ कई छात्रों की पेंटिंग प्रदर्शनी, वर्कशॉप, बुक रिलीज और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।