सामाजिक

परम्परा का हाथ थामती युवा पीढ़ी

नई दिल्ली। रजा फाउंडेशन के तत्वावधान में ‘आरम्भ 9’ के अंतर्गत दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन 09-08-2018 को नई दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम के सभागार में भोपाल घराने के युवा सरोद वादक उस्ताद आमिर खान का सरोद वादन एवं जयपुर घराने की युवा कत्थक नृत्यांगना सुश्री निष्ठा बुद्धालाकोटी की एकल प्रस्तुति का आयोजन किया गया। रजा फाउन्डेशन साहित्य, कला और संगीत के क्षेत्र में युवाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर एक विश्वसनीय संस्था के रूप में सामने आया है। रजा फाउन्डेशन प्रसिद्ध चित्रकार सैय्यद हैदर रजा द्वारा युवाओं में भारतीय कला को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया था। रजा फाउंडेशन द्वारा आरम्भ कार्यक्रम भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के क्षेत्र में युवाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए सितम्बर 2017 में नई दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम के साथ किया गया था। यह कार्यक्रम इसकी नौवीं कड़ी है। कार्यक्रम का आरम्भ युवा सरोद वादक आमिर खान द्वारा राग गोरख कल्याण के अवतरण से हुआ।
आमिर खान ने सरोद की शिक्षा अपने दादा चर्चित सारंगी वादक उस्ताद लातिफ खान और सरोद वादक उस्ताद रहमत अली खान से तथा अपने बड़े भाई उस्ताद सरवर हुसैन एवं चाचा फारूख लतिफ खान से लिया है। सबसे पहले आमिर खान ने राग गोरख कल्याण में आलाप, जोड़, झाला तथा बाद में विलंबित एवं द्रुत तीन ताल में इस राग के स्वरूप को खड़ा किया। राग गोरख कल्याण खमाज ठाट का प्राचीन राग है। यह माधुर्य से परिपूर्ण और प्रभावशाली राग है। इस राग का वादी और न्यास स्वर मध्यम है। इस राग का विस्तार मन्द्र सप्तक के कोमल निषाद को केंद्र में रखकर किया जाता है। सुरतर औढ़व जाति के इस राग के आरोह में निषाद वर्जित रहते हैं। आमिर खान का तबला पर पंडित मिथिलेश झा ने साथ दिया।
कार्यक्रम के दुसरे हिस्से में जयपुर घराने की युवा नृत्यांगना सुश्री निष्ठा बुद्धालाकोटी ने कत्थक की प्रस्तुति दी। सुश्री निष्ठा बुद्धलाकोटी मुल्ला अफसर खान एवं प्रेरणा श्रीमाली की शिष्या हैं। सुश्री निष्ठा बुद्धालाकोटी ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत सरस्वती वंदना से किया जो तीन ताल में निबद्ध चरन था। सुश्री निष्ठा बुद्धालाकोटी ने अपने कत्थक नृत्य में नृत, ठाठ, आमद, सलामी, कवित्त, परन, परमेलु, गत, लड़ी, तिहाई और नृत्य का भरपूर उपयोग किया। उन्होंने अपने घराने के रिवायत के अनुसार विलंवित में गत, घुंघरुओं की जुगलबंदी, शक्तिशाली ततकार, कई चक्कर एवं ताल में जटिल रचनाओं का प्रयोग किया, इसके साथ ही उन्होंने अपने घराने की विशिष्ट चीज द्रुत लय और जोड़ अंग के नृत्य का प्रयोग किया। उन्होंने अपनी इस प्रस्तुति में गणेश परन, चक्करदार परन के साथ हिंदी के रीतिकालीन कवि पद्माकर द्वारा रचित गंगा महिमा का प्रदर्शन किया तथा अपनी प्रस्तुति की समाप्ति होरी एवं झपताल में निबद्ध तिर्यक से किया। इनके साथ तबला पर उस्ताद शकील अहमद खान, सारंगी पर उस्ताद नासिर खान, बोल-पढंत पर सुश्री शिवानी शर्मा, हारमोनियम और गायकी पर पंडित संतोष सिन्हा तथा पखावज पर उस्ताद सलमान वारसी ने संगत किया।
रजा फाउन्डेशन का आगामी दिनों में दिल्ली में होने वाला आयोजन 21 अगस्त 2018 इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शाम 06 बजे हिंदी के महत्वपूर्ण कवि सौमित्र मोहन से ज्योतिष जोशी की बातचीत और कवि सुमित्र मोहन का काव्य-पाठ है। 25 अगस्त 2018 को शाम 06 बजे रजा फाउन्डेशन की पत्रिका अरूप का लोकार्पण एवं परिचर्चा, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में होगा। तथा 28 अगस्त 2018 को शाम 06ः30 बजे दयाकृष्ण मेमोरियल लेक्चर का छठां आयोजन इण्डिया हैबिटाट सेंटर में प्रो. आशीष नंदी के व्याख्यान के रूप में होना है। इसके अतिरिक्त 17-18 अगस्त 2018 को पुणे में ‘कलाओं में देशकाल’ विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम होना है।

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