सामाजिक

मित्रों के सहयोग से सम्पन्न हुआ माँ का नेत्रदान

कोटा। शाइन इंडिया फाउंडेशन के लगातार प्रयासों से संभाग भर में नेत्रदान अंगदान देहदान के प्रति-जागरूकता काफी बढ़ी है। 10 साल के लगातार, अनवरत काम करते रहने के कारण अब शोक के समय में जहाँ लोग सब कुछ खत्म होने की सोच रखते थे। आज समय इतना बदल चुका है कि, अब शोक के समय में भी सब खत्म होने की सोच के बजाय, यह सोचा जाता है कि, अभी भी इस मृत शरीर में से यदि किसी के काम आने लायक, कुछ बचाया जा सकता है, तो यह काम हमको तुरंत करना चाहिए।
इसी सोच के चलते, परिजात कॉलोनी निवासी 74 वर्षीया मधुलिका गर्ग जी का निधन हुआ। इनके बेटे रंजन गर्ग ने बिना ज्यादा समय बिताये तुरंत अपने मित्रों को नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाने का संदेश दिया।
शोक की खबर सुनते ही रंजन के करीबी मित्र संदीप गुप्ता, अजय बाहरी और बालमुकुंद खण्डेलवाल मौके पर पहुँचे, उसके बाद शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया गया, जिसके तुरंत बाद, कोविड गाइडलाइंस की पालना करते हुए, संस्था सदस्यों की मदद से निवास पर ही नेत्रदान सम्पन्न हुआ।

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