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फोर्ब्स की सूची में जोय आलुक्कास भारत के सबसे अमीर ज्वेलर

मुम्बई। जोय आलुक्कास समूह को यह ऐलान करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कंपनी के चेयरमैन, श्री जोय आलुक्कास साल 2023 की फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में लगातार पायदान चढ़ते हुए 50वें स्थान पर पहुँच गए हैं। इस प्रतिष्ठित सूची में भारत के एकमात्र ज्वेलर होने के नाते श्री जोय आलुक्कास ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उद्योग के अन्य जानी-मानी हस्तियों को पीछे छोड़ दिया है।
श्री जोय आलुक्कास ने भारतीय ज्वेलरी क्षेत्र की कायापलट करने में एक अहम भूमिका निभाई है। उनके नए और असाधारण कॉन्सेप्ट, जैसे कि अनेक रिटेल स्टोर, संगठित रिटेल परिचालन और बड़े फॉर्मैट वाले स्टोर विश्वभर में भारतीय ज्वेलरी क्षेत्र को नई पहचान देने में कामयाब हुए हैं। इससे पहले यह क्षेत्र बिखरा हुआ था और मुख्य रूप से परिवारों द्वारा चलाया जाता था।
एक अनुमान के हिसाब से भारत का ज्वेलरी बाज़ार 2023 में 76.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2027 में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का होने जा रहा है। वित्त वर्ष 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 38% भारतीय ज्वेलरी बाज़ार अब संगठित क्षेत्र में तब्दील हो चुका है। ऐसा श्री जोय आलुक्कास की परिकल्पना के कारण संभव हो पाया है। वित्त वर्ष 2026 तक इसके 47% तक जाने की संभावना है।
उद्योग में अग्रणी और पथप्रदर्शक होने के अलावा, श्री जोय आलुक्कास को उनके अनुभव और नई सोच के लिए भी जाना जाता है। अपने इन्हीं गुणों के कारण उन्हें जीवन में सफलताएँ मिली हैं, जैसे कि चेन्नई में दुनिया का सबसे बड़ा आउटलेट खोलना, प्रचार के तौर पर उपहार स्वरूप रोल्स रॉयस कार देना और यूके, यूएसए और सुदूर पूर्व जैसे नए बाज़ारों में प्रवेश करना।
श्री जोय आलुक्कास को अपने विचारों को तुरंत हकीकत में बदलने की आदत है और वे बेवजह के विश्लेषणों में पड़ कर समय बर्बाद करने में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट और 2020 की महामारी जैसी प्रमुख वैश्विक घटनाओं के दौरान भी व्यापार का सफलतापूर्वक संचालन किया था।
पिछले वर्ष फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में 69वें पायदान से इस वर्ष 50वें पायदान पर आना ब्रांड जोयआलुक्कास के असाधारण प्रदर्शन और टर्नोवर और मुनाफे में लगातार बढ़ोतरी का सबूत है। उन्हें प्यार से “दुनिया का पसंदीदा ज्वेलर” कहा जाता है और यह उपलब्धि इसी बात का प्रमाण है। अपने अनुभव से वे अभी भी भारत के ज्वेलरी उद्योग में योगदान कर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

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