शिक्षा

ऊर्जा के क्षेत्र में करियर के अपार संभावनाएं

-विनोद बिहारी
सीईओ (पावर सेक्टर स्किल काउंसिल
)
ऊर्जा आज हर क्षेत्र के लिए जरूरी है। आधुनकि युग में चाहे घरेलू आवश्यकताओं, उद्योगों, संचार एवं परिवहन क्षेत्र की कल्पना ऊर्जा के बिना नहीं की जा सकती है। जैसे-जैसे आधुनिक तकनीक विकसित हुई है, वैसे ही कॉर्पोरेट सेक्टर में ऊर्जा जरूरतें बढ़ती गईं। सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा उत्पादन और वितरण कंपनियों, रेलवे, सड़कों और परिवहन कंपनियों, पर्यावरणीय योजना आदि में करियर के अवसर उपलब्ध हैं। बढ़ती उर्जा की आवश्यकता एवं इसके उत्पादन एवं वितरण की आवश्यकता को पूरी करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षित इंजीनिसर्य एवं टेक्नीशियन्स आदि की बड़े पैमाने पर जरूरत है। इसे देखते हुए भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा गठित पावर सेक्टर स्किल काउंसिल (पीएसएससी) देशभर में युवाओं को ऊर्जा के क्षेत्र के जॉब रोल्स में प्रशिक्षित एवं प्रमाणित कर रही है। जिसके बाद वे इस क्षेत्र में अपना करियर बना रहे हैं ।

  • क्यों है कैरियर की अपार संभावनाएं

पिछले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र का अभूतपर्व विकास हुआ है। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनओं जैसे प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (SAUBHAGYA), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGKY) के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाया जा रहा है। वर्ष 2017 अक्टूबर से 2019 मार्च के बीच लगभग तीस मिलियन घरों को विद्युत् तंत्र से जोड़ा गया। इतने बड़े पैमाने पर इन कार्यों को पूरा करने एवं इसे लगातार सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में और विभिन्न जॉब रोल्स में टेक्नीशियन आदि की आश्यकता हुई है। लाइनमैन, सब स्टेशन अटेंडेंट, इलेक्ट्रीशियन, तकनीकी हेल्पर, कंज्यूमर एनर्जी मीटर टेक्नीशियन, जूनियर इंजीनियर विद्युत वितरण, इंजीनियर विद्युत वितरण इत्यादि जॉब रोल्स में नौकरी के अवसर उपलब्ध हुए है।
ऊर्जा किसी भी देश के विकास का इंजन होती है। किसी देश में प्रति व्यक्ति होने वाली ऊर्जा की खपत वहां के जीवन स्तर का भी सूचक है। भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ऊर्जा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है। अभी हमारे देश में विधुत ऊर्जा की उत्पादन क्षमता विभिन्न क्षेत्रो में लगभग 3.50 लाख मेगावाट है। जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन से संबंधित कठिनाइयों के मद्देनजर बीते वर्ष आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली बैठक में भी 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित संसाधनों से 40 फीसदी बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट, पवन ऊर्जा से 60 गीगावाट, बायो-पावर से 10 गीगावाट और छोटी पनबिजली परियोजनाओं से 5 गीगावाट क्षमता शामिल है। बढ़ती ऊर्जा की खपत और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए अब इस क्षेत्र में पावर सेक्टर स्किल काउंसिल युवाओं को देशभर में प्रशिक्षित कर रही है।

  • इस फील्ड में एंट्री कैसे होती है?

इस क्षेत्र में डिप्लोमा, बैचलर और मास्टर डिग्री के कोर्स के अलावा सर्टिफिकेट मौजूद है। बैचलर डिग्री के लिए कम से कम 50 फीसदी या 60 फीसदी अंकों के साथ 12वीं साइंस स्ट्रीम की होना जरूरी है। वहीं मास्टर डिग्री कोर्स में साइंस विषय या इंजीनियरिंग में कम से कम 60 फीसदी होना जरूरी है। ऊर्जा से संबंधित अन्य कई कोर्स देश में उपलब्ध हैं। आठवी कक्षा, दसवी कक्षा एवं आईटीआई पास छात्रो के लिए पावर सेक्टर स्किल काउसिंल लाइनमैन, सब स्टेशन अटेंडेंट, इलेक्ट्रीशियन, तकनीकी हेल्पर, कंज्यूमर एनर्जी मीटर टेक्नीशियन, जूनियर इंजीनियर विद्युत वितरण, इंजीनियर विद्युत वितरण जैसे कोर्स चला रहा है, जिसमें प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण के बाद विद्युत क्षेत्र की कंपनियों में नौकरी पा सकते है।

  • इस तरह के अवसर है उपलब्ध

ऊर्जा के क्षेत्र में करियर के कई अवसर उपलब्ध है। प्रशिक्षण के बाद ऊर्जा प्रबंधक, ऊर्जा इंजीनियर, सुविधा एवं व्यापार प्रबंधक, औद्योगिक इंजीनियर, आपूर्ति श्रृंखला व्यवसायी, विद्युत संस्थान अधिकारी, परामर्शदाता के रूप में अवसर मिल सकते है। ऊर्जा प्रबंधन को बेहतर ढंग से करने के लिए ऊर्जा सेवा कंपनी में ऐसे लोगों की भारी मांग है। इनवायरंमेंटल स्पेशलिस्ट, एनर्जी मैनेजर, रिसर्च असोसिएट, सेफ्टी अफसर, स्ट्रैटिजी कंसल्टेंट, एनर्जी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट, प्रॉजेक्ट इंजीनियर, एनर्जी ऑडिटर, फील्ड इंजीनियर आदि जॉब प्रोफाइल के रूप में अवसर उपलब्ध है।

  • यहां पर नौकरियों की है संभावनाएं

विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों और व्यवसायों में ऐसे प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होती हैं, जो ऊर्जा की जरूरतों को पूरी करने के साथ लागत को कम कर सके। स्थानीय निकाय, उच्चस्तर शिक्षा संस्थान, बड़े धर्मार्थ संगठन, ऊर्जा एजेंसियां और कॉरपोरेट कंपनियां, स्वयंसेवीध्सामुदायिक संगठन, बिजली वितरण कंपनियों समेत अन्य कई क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध है। वाणिज्यिक क्षेत्रों में रोजगार के लिए रिेटेल चेन, सुपर बाजार, कंस्ट्रक्शन कंपनियां, विद्युत सेवा प्रदाता कंपनियां, पर्यावरण परामर्श कंपनियां आदि नौकरियां दे रही है। इसके अलावा भी ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसर हैं।

  • क्या है भविष्य की राह

भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम में ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल, इसके संरक्षण और इससे संबंधित व इससे उत्पन्न मुद्दों को शामिल किया गया है। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के अनुसार ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाले सभी नामित उपभोक्ताओं के लिए किसी मान्यता प्राप्त ऊर्जा ऑडिटर से ऊर्जा ऑडिट कराना तथा ऊर्जा प्रबंक का की नियुक्ति करना जरूरी हो गया है। ऐसे में ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं की कमी नहीं है। आने वाले वक्त में जिस तरह बिजली की खपत बढ़ेगी, उसी हिसाब से प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होगी।

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