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आतंकवाद पर आधारित मगर ‘ब्लैंक’ का काॅन्सेप्ट है अलग

फिल्म का नाम : ब्लैंक
फिल्म के कलाकार : सन्नी देओल, करण कपाड़िया, इशिता दत्ता, करणवीर शर्मा, रसिका प्रधान
फिल्म के निर्देशक : बहज़ाद खम्बाटा
रेटिंग : 3/5

निर्देशक बहज़ाद खम्बाटा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘ब्लैंक’’ 3 मई को सिनेमाघरों में लगने वाली है, इस फिल्म के ज़रिए बहज़ाद पहली बार निर्देशन में डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म में एक और हीरो हैं जो इस फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं और वो हैं मशहूर अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया के भांजे करण कपाड़िया। फिल्म में सनी देओल भी हैं इसलिए एक्शन भी आपको खूब देखने को मिलने वाला है। जानते हैं कैसी है फिल्म…

फिल्म की कहानी :
हनीफ (करण कपाड़िया) जो कि एक आत्मघाती बम है वो शहर के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को मोबाइल पर निर्देश दे रहा होता है तभी दिखाया जाता है कि उसके साथ दुर्घटना हो जाती है और वो बुरी तरह घायल हो जाता है। दुर्घटना के बाद जब अस्पताल में लाया जाता है तब पता चलता है कि वह एक सुसाइड बॉम्बर है। दुर्घटना में हनीफ की याददाश्त चली जाती है और उसे याद ही नहीं रहता कि वो सुसाइड बाॅम्बर है। हनीफ के एनकाउंटर करने का फैसला होता है, उस वक्त एक कॉल आती है और कहानी 12 घंटे पीछे जाती है। एटीएस चीफ एसएस दीवान (सनी देओल) को शहर में एक बहुत बड़ी खेप में एचएमएक्स (विस्फोटक) लाए जाने की खबर मिलती है। वह अपनी टीम हुस्ना (इशिता दत्ता) और रोहित (करणवीर शर्मा) के साथ इंवेस्टीगेशन में जुट जाता है। जांच होती है तो पता चलता है कि हनीफ के शरीर पर लगे हुए बम के तार अन्य 24 लोगों के बम से जुड़े हैं और आतंकवादी मकसूद (जमील खान) जिहाद और जन्नत के नाम पर उनका इस्तेमाल करके शहर में 25 धमाके करके आतंक फैलाना चाहता है। हनीफ किसी तरह पुलिस की गिरफ्त से छुटकर भागने में कामयाब होता है। आगे क्या होता है? हनीफ मारा जाता है या नहीं? यह सब जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रूख करना होगा।

हमारे देश के लिए आतंकवाद एक बहुत ही बड़ा मुद्दा रहा है। बाॅलीवुड में भी आतंकवाद पर कई फिलमें बन चुकी हैं। ‘ब्लैंक’ भी आतंकवाद पर ही आधारित है लेकिन इसका कॉन्सेप्ट काफी अलग है। फिल्म का पहला भाग थोड़ा धीमा है लेकिन धीरे-धीरे कहानी आगे बढ़ती जाती है और फिल्म आपको इंटरस्टिंग लगती जाती है। फिल्म का दूसरा भाग काफी अच्छा लगता है क्योंकि इसमें कई चैंकाने वाले खुलासे होने लगते हैं, यही खुलासे आपको अपनी सीट से बांधे रखती है। कहने का मतलब है फिल्म का अंत अच्छा है। फिल्म में एक्शन हैं और डायलाॅग काफी अच्छे हैं।

बात करें अभिनय कि तो सनी देओल एक्शन हीरो के तौर पर काफी पसंद किए जाते हैं, इस फिल्म में उन्होंने एटीएस अफसर का रोल निभाया है। इस बार भी सनी एक्शन और डायलाॅग के मामले में आपको निराश नहीं करेंगे। वैसे तो करण कपाड़िया इस फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं लेकिन फिर भी सुसाइड बॉम्बर के रूप में करण ने बेहतरीन एक्टिंग की है, भविष्य में यदि वो अपनी एक्टिंग और हावभाव पर थोड़ा और काम करेंगे तो उनकी एक्टिंग और निखर जाएगी। आतंकवादी ग्रुप के सरगना के रोल में जमील खान काम पसंद आएगा। करणवीर शर्मा ने अपना रोल बखूबी निभाया है। इशिता दत्ता ने भी ठीक काम किया है।

फिल्म क्यों देखें? :
यह एक एक्शन फिल्म है, यदि आप सनी देओल के एक्शन और डायलाॅग के दिवाने हैं तो यह फिल्म आप देख सकते हैं।

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