मूवी रिव्यु

अधिक उम्र के पुरूष और कम उम्र की लड़की के बीच प्यार के रिश्ते को पेश करती फिल्म ‘दे दे प्यार दे’

फिल्म का नाम : दे दे प्यार दे
फिल्म के कलाकार : अजय देवगन, तब्बू, रकुल प्रीत सिंह, जिम्मी शेरगिल, जावेद जाफरी, आलोकनाथ
फिल्म के निर्देशक : अकीव अली
फिल्म के निर्माता : भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, लव रंजन, अंकुर गर्ग
रेटिंग : 3/5

निर्देशक अकीव अली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘दे दे प्यार दे’’ रिलीज़ हो चुकी है। निर्देशक ने एक अनोखी लव स्टोरी दिखाने की कोशिश की है जिसमें एक शादीशुदा अधिक उम्र के आदमी को कम उम्र की लड़की से प्यार हो जाता है।

फिल्म की कहानी :
फिल्म की शुरुआत लंदन से होती है, जहां 50 वर्षीय बिजनेसमैन आशीष (अजय देवगन) अपने परिवार से अलग रहता है। वह 26 साल की लड़की आयशा (रकुल प्रीत सिंह) से मिलता है। धीरे-धीरे दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ती हैं और दोनों को एकदूसरे से प्यार हो जाता है। आशीष और आयशा अचानक शादी के लिए गंभीर हो जाते हैं जब आशीष भारत में रहने वाले अपने परिवार से आयशा को मिलवाने के लिए भारत ले जाता है। भारत में आशीष के दो जवान बच्चे हैं। पत्नी मंजू (तब्बू) है जिससे अलग हुए उसे लंबा अर्सा हो गया है। माता-पिता हैं। भारत में अपने घर पहुंचते ही आशीष अपने आपको विचित्र परिस्थितियों में पाता है। आधुनिक और दबंग आशीष अब डरपोक सा बन जाता है और उसका यह रूप देख आयशा चकित रह जाती है एक दिन वह लंदन चली जाती है तब कई हास्यास्पद परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। मंजू और आशीष के बीच सब ठीक होने लगता है, लेकिन आशीष का दिल अभी भी आयशा के साथ ही रहता है और फिर बेटी की शादी के दौरान आशीष-आयशा एक हो जाते हैं, मंजू अलग ही रहती है। पूरी फिल्म को विस्तार से जानने के लिए आपको सिनेमाघर को रूख करना होगा।

पहले के मुताबिक आज ज़माना बदल चुका है, अब वो दौर है जब किसी भी उम्र किसी को भी प्यार हो जाता है। इसी तर्ज पर निर्देशक अकीव ने फिल्म को निर्माण किया है। फिल्म में काॅमेडी का तड़का भी लगाया गया है, फिल्म में अच्छे संवाद भी हैं तो डबल मिनिंग पंच भी डाला गया है। फिल्म का पहला भाग आपको पसंद आता है तो दूसरा भाग आपको उलझाता है। फिल्म का स्क्रीन प्ले जहां कमज़ोर तो वहीं फिल्म की कहानी में कोई दम नहीं है लेकिन काॅमेडी और कुछ पंचों व संवादों की वजह से फिल्म पसंद आएगी। कुछ गाने भी आपको काफी पसंद आएंगे।

कलाकारों की अदाकारी :
फिल्म में अजय देवगन की एक्टिंग एवरेज है जिस काॅमेडी की उम्मीद आप इसमें अजय से करते हैं वो आपको नज़र नहीं आएगी, या यूं कहें कि आशीष के किरदार में वो फिट नहीं बैठते। तब्बू की एक्टिंग कमाल की है, इमोशनल सीन और नोंकझोंक वाले सीन में उनकी एक्टिंग ज़बरदस्त है, उनकी काॅमिक टाइमिंग भी परफेक्ट है, कहीं भी उनका रोल आपको अखरता नहीं है। बात करें रकूल प्रीत की एक्टिंग की तो आयशा के किरदार में रकूल आपको प्रभावित करती हैं, अपने किरदार में वो बिंदास नज़र आई हैं। अजय देवगन की बेटी के किरदार में इनायत सूद की एक्टिंग ठीक है। जिमी शेरगिल का किरदार कुछ खास नहीं है। आलोक नाथ और कुमुद मिश्रा ने ठीकठाक परफाॅर्मेन्स दी है।

फिल्म क्यों देखें? :
फिल्म का काॅन्टेन्ट ऐसा है कि जिसकी वजह यूथ को पसंद आ सकती है। फिल्म एक बार देखने में कोई बुराई नहीं है।

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