यूथ ओरिएंटेड फिल्म है स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2
फिल्म का नाम : स्टूडेंट ऑफ द ईयर -2
फिल्म के कलाकार : टाइगर श्राॅफ, अनन्या पांडे, तारा सुतारिया, आदित्य सील, हिमांश कोहली
फिल्म के निर्देशक : पुनीत मल्होत्रा
फिल्म के निर्माता : करण जोहर
रेटिंग : 2.5/5
निर्देशक पुनीत मल्होत्रा के निर्देशन में बनी फिल्म स्टूडेंट ऑफ ईयर-2 अब रिलीज़ हो चुकी है। यह फिल्म 2012 में आई स्टूडेंट ऑफ द ईयर का दूसरा पार्ट है। पिछली फिल्म में जहां 2 हीरो और एक हिरोइन थीं, वहीं इस बार फिल्म के दूसरे पार्ट में इस बार दो लीड एक्ट्रेसेज और एक लीड एक्टर हैं। इस फिल्म से अनन्या पांडे और तारा सुतारिया डेब्यू कर रहे हैं। पिछली फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थी, तो अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार करण जोहर की यह फिल्म दर्शकों को कितना पसंद आने वाली है।
फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी शुरू होती है देहरादून के एक साधारण लड़के रोहन (टाइगर श्रॉफ) से, जो अपने प्यार मृदुला (तारा सुतारिया) से सच्चे आशिकों वाली मोहब्बत करता है। मृदुला के बड़े सपने हैं और वो हाई सोसाइटी से लगाव रखती है। बचपन से उसे रोहन से प्यार है, लेकिन सपनों के आगे वो रोहन को भूलने के लिए तैसार रहती है। मृदुला को अपना नाम भी देसी लगता है, इसलिए वो इसे बदलकर मिया रख लेती है। मिया अमीर बाप की बेटी है इसलिए वो पढ़ती है अमीरों के कॉलेज सेंट टेरेसा में, उसके प्यार में रोहन भी अपना कॉलेज छोड़कर स्पोर्ट्स कोटे से सेंट टेरेसा कॉलेज में एडमिशन ले लेता है।
यहां दोनों की मुलाकात होती है सेंट टेरेसा कॉलेज के ट्रस्टी के दो बच्चों और कॉलेज के स्टार्स श्रेया (अनन्या पांडे) और मानव (आदित्य सील) से। श्रेया और मानव से पहली मुलाकात में मिया तो मानव की दीवानी हो जाती है लेकिन रोहन पर श्रेया का कोई खास असर नहीं होता है। कॉलेज के पहले दिन से ही रोहन और अनन्या के बीच टशनबाजी शुरू हो जाती है, कहानी की इस शुरुआत के बाद कॉलेज में डांस कॉम्पटीशन होता है। मिया और श्रेया दोनों को कॉम्पटीशन जीतना होता है। ऐसे में श्रेया का जोड़ीदार बनता है उसका भाई और मिया को जीत दिलाने के लिए उसका जोड़ीदार बनता है रोहन। कॉम्पटीशन में श्रेया और मानव की टीम जीत जाती है, लेकिन इस बीच रोहन की गर्लफ्रेंड मिया उसे छोड़कर मानव के पास चली जाती है। रोहन और मानव के बीच बहस होती है और रोहन को ट्रस्टी के बेटे पर हाथ उठाने की वजह से निकाल दिया जाता है। कॉलेज से निकाले जाने के बाद मानव उसे मारता है और लूजर ऑफ द ईयर का खिताब दे देता है। कहानी में ट्विस्ट आता है और श्रेया अपनी टशनबाजी भुलाकर रोहन की गर्लफ्रेंड बन जाती है, लेकिन रोहन को अब जीतना है स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब, कॉलेज से निकाले जाने पर उसने मानव को इसका चैलेंज भी किया था। अब शुरू होता है स्टूडेंट ऑफ द ईयर की ट्रॉफी जीतने की जंग, ये जंग होती है 8 कॉलेजों के बीच। दो साल से ये अवॉर्ड मानव का कॉलेज सेंट टेरेसा जीत रहा था। वहीं पिशोरीलाल चमनदास कॉलेज जीतना तो दूर हमेशा 8वें नंबर पर रहा है, खिताब की जंग ही फिल्म का क्लाइमेक्स है।
कलाकारों की अदाकारी :
कहानी का पूरा बोझ टाइगर के कंधो पर है ये साफ नजर आता है क्योंकि पूरी फिल्म में टाइगर श्रॉफ स्टूडेंट कम सुपरहीरो ज्यादा लगते हैं। डांस और एक्शन टाइगर ने फिल्म में अपने हुनर के मुताबिक दिखाया है। अनन्या पांडे रईस और अकड़ू लड़की श्रेया के रोल में प्रभावित करती हैं अपने नैचुरल अभिनय से वे लुभाती हैं। फिल्म में तारा सुतारिया होकर भी नहीं हैं, उनके आगे अनन्या पांडे अपनें कई सीन में कॉमेडी और ड्रामा दोनों बेहतर करती हैं। तारा सुतारिया परदे पर आत्मविश्वासी लगती हैं और बेहतर अभिनय कर सकती थीं अगर उनका किरदार और अच्छा लिखा जाता। शुरुआत में प्रभावित करने के बाद उन्हें बॉलीवुड की टिपिकल सेकंड लीड अभिनेत्री बना दिया जाता है और उनके किरदार को केवल एक-आयाम देकर सारा फोकस स्टार किड्स पर डाला जाता है। फिल्म में आदित्य सील को सीन ज्यादा मिले हैं। अन्य किरदारों की बात करें तो समीर सोनी, आयशा रजा और मनोज पाहवा ने रोल के हिसाब से ठीक अदाकारी की है। गुल पनाग को लंबे वक्त के बाद एक छोटे से रोल में दिखाया गया है।
एक निर्देशक के तौर पर पुनीत की यह तीसरी फिल्म है। फिल्म 3-4 किरदारों के इर्द-गिर्द ही घूमती है और अन्य चरित्रों को निर्देशक ने पूरी तरह से उपेक्षित कर दिया है। फिल्म का मजबूत पक्ष है उसका डांस और ऐक्शन। फिल्म का क्लाइमैक्स आते-आते आपको पहले ही पता चल जाता है कि अब क्या होने वाला है। सदि इसकी तुलना पहली फिल्म से करें तो उसके गाने ज्यादा पसंद किए गए थे।
फिल्म क्यों देखें? :
यदि आप टाइगर श्रॉफ के डांस और एक्शन के दिवाने हैं तो आपको फिल्म अच्छी लगेगी।