राष्ट्रीय

लोकसभा अध्यक्ष ने एमएसएमई से रक्षा क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने का किया आव्हान

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
कोटा के एमएसएमई उद्यमियों के लिए रक्षा क्षेत्र अनंत संभावनाओं से भरा है। हमारी कोशिश है कि रक्षा क्षेत्र में काम कर रही सरकारी और निजी कम्पनियों की मदद से इन एमएसएमई यूनिट्स को नई दिशा दी जाए। ऐसा करके ही हम कोटा का औद्योगिक गौरव लौटा पाएंगे। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात सोमवार नेशनल डिफेंस एमएसएमई कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए कही।
दशहरा मैदान में आयोजित इस कॉन्क्लेव को कोटा और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक बताते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ऐसी नीतियां और कार्यक्रम लाई है जिसमें नवाचार के माध्यम से उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार मेक इन इंडिया को भी एक संकल्प के रूप में लेते हुए रिसर्च और डवलपमेंट को प्रोत्साहित कर रही है। इसके चलते देश में सरकारी और निजी कंपनियां एमएसएमई को साथ लेकर उत्कृष्ट रक्षा उपकरण तथा सेवाएं दे रहे हैं। इससे एक ओर न सिर्फ हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पा रहे हैं बल्कि अब रक्षा क्षेत्र में इम्पोर्टर से एक्सपोर्टर बन रहे हैं।
स्पीकर बिरला ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हमारी महत्वाकांक्षा नहीं बल्कि आवश्यकता है। तेजी से बदलती तकनीक के इस जमाने में युद्ध आमने-सामने नहीं लड़े जाते। इलेक्ट्रोनिक, टेक्नोलॉजिकल और आईटी प्लेटफार्म के जरिए सीमा से दूर रहते हुए भी हम युद्ध को नियंत्रित कर सकते हैं। ऐसे में बहुत आवश्यक है कि तीनों प्लेटफॉर्म हमारे स्वयं के नियंत्रण में हों। इसमें एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स की अहम भूमिका है। देश में बढ़ती रोजगार आवश्यकताओं की पूर्ति में भी एमएसएमई और स्टार्टअप अहम योगदान दे सकते हैं।

  • दुनिया के टॉप-25 डिफेंस एक्सपोर्टर में

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि एक समय था जब रक्षा क्षेत्र में भारत को मांगने वाला देश माना जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब नए विजन के साथ काम करते हुए दुनिया को देने वाला देश बन गया है। हम दुनिया के टॉप-25 डिफेंस एक्सपोर्टर में हैं, 2014 के बाद हमारे रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, इतना ही नहीं हम रक्षा बजट को खर्च करने वाले विश्व के प्रथम तीन देशों में है। हम जल-थल और नभ, तीनों जगह मजबूत स्थिति में हैं, पूर्व में घाटे में वाले सरकार के सारे रक्षा उत्पादन उपक्रम अब मुनाफे में हैं जो दिखाता है कि रक्षा क्षेत्र में किस गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस सब का फायदा हमारे एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स को मिल रहा है। उन्हें बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ तक के ऑर्डर एमएसएमई के लिए आरक्षित कर दिए हैं। सरकार एमएसएमई और स्टार्टअप को मदद करने वाली नीतियां बना रही है। इस कॉन्क्लेव के माध्यम से कोटा सहित राजस्थान के एमएसएमई और स्टार्टअप भी रक्षा क्षेत्र में अपने लिए अवसर तलाशें। ऐसा करके वे देश की आत्मनिर्भरता की यात्रा में सक्रिय सहभागी बन सकते हैं। केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय जाजू,एसआईडीएम के अध्यक्ष और महिन्द्रा डिफेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीप्रकाश शुक्ला ने भी विचार रखे।

  • कोटा में बनेगा इनोवेशन हब

कोटा में स्टार्ट-अप्स के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर के बाद जल्द इनोवेशन हब भी बनेगा। इनोवेशन हब अन्य क्षेत्रों के साथ डिफेंस सेक्टर की आवश्यकताओं की भी पूर्ति करेगा। यह जानकारी आई-स्टार्ट कार्यक्रम के प्रोग्राम मैनेजर अमित पुरोहित ने दी। नेशनल डिफेंस एमएसएमई कॉन्क्लेव के तहत आयोजित स्टार्ट-अप सेशन में पुरोहित ने बताया कि आई-स्टार्ट एक अम्ब्रेला कार्यक्रम की तरह राजस्थान में स्टार्ट-अप्स को आगे आने में मदद कर रहा है। एसआईडीएम स्टार्ट-अप फोरम के अध्यक्ष अभिषेक जैन ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में एमएसएमई के बाद स्टार्ट-अप्स की भूमिका बढ़ती जा रही है। रक्षा मंत्रालय से डिफेंस क्षेत्र में कार्य कर रहे स्टार्ट-अप्स को 400 करोड़ के ऑर्डर मिले हैं। रक्षा बजट को देखते हुए भले ही यह आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन ऑर्डर की संख्या में तेजी से हो रही बढ़ोतरी स्टार्ट-अप क्षेत्र के लिए उत्साहजनक है। इसी सेशन के दूसरे सत्र में भारत सरकार के कार्यक्रम इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस में प्रस्तुत की गई चुनौतियों को जीतने वाले पांच स्टार्टअप्स सागर डिफेंस, सैफ सीज, बिग बैंग बूम, लेखा वायरलैस तथा बिग कैट वायरलैस के प्रतिनिधियों ने युवाओं को बताया कि चुनौतियों का समाधान निकालने का रास्ता कठिन है पर सफलता मिलने के बाद वह पूरी दुनिया के लिए राहत लाती है। उन्होंने अपने स्टार्ट-अप्स की यात्रा के दौरान अपने अनुभवों के बारे में बताया तथा कोटा के युवा विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए।

  • उत्पादों को सराहा

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी डिफेंस एक्सपो देखा। इस दौरान स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा प्रतिशत उत्पादों ने दोनों को हतप्रभ कर दिया। रक्षा उत्पाद देखने के बाद स्पीकर बिरला ने कहा कि हमारे एमएसएमई और स्टार्टअप्स के आइडिया हतप्रभ करते हैं। वे बहुत आगे की सोच रखते हैं। वे अपने नवाचारों के जरिए बड़ी चुनौतियों का समाधान कितनी सहजता से कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यह एमएसएमई और स्टार्टअप्स सबसे अहम भूमिका निभाएंगे।

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