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‘जंगली’ में है खूबसूरत जंगल और बेजुबान हाथियों के बीच विद्युत का दमदार एक्शन

फिल्म का नाम : जंगली
फिल्म के कलाकार : विद्युत जामवाल, पूजा सावंत, आशा भट्ट, अक्षय ओबेराॅय, मकरंद देशपांडे
फिल्म के निर्देशक : चक रसेल
फिल्म के निर्माता : विनीत जैन
रेटिंग : 3/5

फिल्म जंगली को हॉलीवुड निर्देशक के निर्देशन में बनाया गया है। इसके प्रोमो देखकर लोगों में इसे देखने की उत्सुकता पहले से थी, और अब यह फिल्म रिलीज़ हो चुकी है। नब्बे के दशक में जानवरों को लेकर कई फिल्में बन चुकी है । लम्बे अर्से के बाद ऐसी फिल्म आई है जिसमें जानवरों को लिया गया है। फिल्म में जानवर और इंसान की दोस्ती है और साथ ही साथ हाथी दांत की तस्करी के मुद्दे को फिल्म की कहानी का आधार बनाया गया है।

फिल्म की कहानी :
हाथी दांत की तस्करी वर्षों से की जा रही है लेकिन इसका खात्मा अभी नहीं हो पाया है। फिल्म में राज नायर (विद्युत जामवाल) एक जानवरों का डॉक्टर है। राज को जानवरों से बहुत प्यार करता है। उसका बचपन हाथियों के साथ बीता है। राज मुंबई से 10 साल बाद अपने घर चंद्रलिका अपनी मां की बर्सी के लिए जाता है। राज के पिता चंद्रलिका में ही हाथियों की सेंचुरी संभालते हैं। एक दिन राज को पता चलता है कि जंगल में हाथी के दांत की तस्करी की वजह से हाथियों को मारा जा रहा है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब राज के दोस्त भोला जो की एक हाथी है उसे मार दिया जाता है। उसके बाद राज हाथी के दांत की तस्करी रोकने और हाथियों को बचाने में लग जाता है। राज एक इंटरनेशनल पोचिंग रैकेट को कैसे खत्म करता है और हाथियों को कैसे बचाता है। यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

निर्देशक चक रसेल ने हाथी दांत की तस्करी जैसे गंभीर मुद्दा तो उठाया है लेकिन इसके समाधान पर फिल्म प्रकाश नहीं डालती। थाईलैंड के जंगलों में शूट की गई इस फिल्म में कहानी कम और एक्शन सीन्स ज्यादा डाले गए हैं। फिल्म में जंगल की हरियाली खूब लुभाती है क्योंकि फिल्म का सिनेमेटाॅग्राफी कमाल का है। फिल्म का क्लाइमैक्स सीन अच्छा है लेकिन कहानी से आप कनेक्ट नहीं हो पाते। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक अच्छा है।

बात करें अदाकारी कि तो हमेशा कि तरह विद्युत के एक्शन सीन काफी अच्छे हैं, विद्युत ने एक्शन हीरो के रूप में ढलने के लिए अपनी बाॅडी पर काफी काम किया है। इसमें उन्होंने मार्शल आर्ट करते नज़र आए हैं। पूजा सावंत ने अच्छा काम किया है। आशा भट्ट की यह डेब्यू फिल्म है वो एक पत्रकार के रोल में हैं, लेकिन उनका किरदार कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ता। अक्षय ओबेरॉय का काम औसत है वो एक फॉरेस्ट अधिकारी के किरदार में वो ज्यादा विश्वसनीय नहीं लगे। फिल्म में उनका रोल भी काफी छोटा है। मकरदं देशपांडे गज गुरु के रूप में प्रभावित करते हैं। जंगली में बेजुबान हाथियों से काफी अच्छा काम करवाया गया है, काफी अच्छे से उनको ट्रेन्ड किया गया है।

फिल्म क्यों देखें : अगर आप विद्युत जामवाल के दमदार एक्शन के दिवाने हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है।

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